X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
धर्म और धर्म ग्रंथों के खिलाफ छिड़ी लड़ाई किस दिशा में जा रही है?
कल के माहौल और आज के में कॉमन है पॉलिटिकल हैंड. कल हैंड कम थे, आज वे मल्टीप्लाई कर गए हैं. इसीलिए माहौल ज्यादा खराब है. और सारा कुछ हो रहा है फ्रीडम ऑफ़ स्पीच के नाम पर. बात न्याय प्रणाली की करें तो चीजें कूल नहीं रख पा रही हैं अदालतें!
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
नुपुर शर्मा पर एक्शन के बावजूद ठाकुर राजा सिंह का एक्ट शक पैदा करता है
ठाकुर राजा सिंह (Thakur Raja Singh) के भी नुपुर शर्मा (Nupur sharma) की ही राह चलने की क्या वजह रही होगी? वो भी तब जबकि बीजेपी (BJP) नेतृत्व तेलंगाना में सत्ता हासिल करने के लिए हद से ज्यादा एक्टिव है - कहीं ये पार्टी की किसी खास रणनीति का हिस्सा तो नहीं है?
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
33 साल बाद सलमान रुश्दी पर हुए हमले से नूपुर शर्मा की तुलना जरूरी है
भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) ने 1988 में 'द सेटेनिक वर्सेज' (The Satanic Verses) नाम की किताब लिखी थी. सलमान रुश्दी के खिलाफ 1989 में फतवा जारी हुआ था. इसके 33 साल बाद रुश्दी को ईशनिंदा के नाम पर निशाना बना लिया गया है. तो, नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की बात करना जरूरी है.
सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
तिरंगे पर फैक्ट चेकर जुबैर का लॉजिक बिलकुल सही है, बशर्ते इसे वह समझना तो चाहें
हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के मामले में जमानत पर बाहर चल रहे फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) फिर से अपने एजेंडे पर लग चुके हैं. मोहम्मद जुबैर अब भाजपा के हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Campaign) को निशाने पर लेने के लिए पता नहीं कौन सा फैक्ट चेक करते हुए आरएसएस (RSS) पदाधिकारियों की सोशल मीडिया डीपी की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
'सिर तन से जुदा' का सिलसिला थामने के लिए सरकारों को ही आगे आना होगा
हिंदू-मुस्लिम दंगे की कई वजह होती थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में 'नबी की शान में गुस्ताखी' (Sar Tan Se Juda) का बहाना लेकर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जो खूनखराबा किया है, उसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. इस खूनखराबे को 'भावना आहत' होने की आड़ लेकर जायज नहीं ठहराया जा सकता.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Nupur Sharma: सुप्रीम कोर्ट ने जो आज कहा, वह 1 जुलाई को क्यों नही कहा?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस जेबी पारदीवाला (JB Pardiwala) और जस्टिस सूर्यकांत (Surya Kant) की बेंच ने इस बार केवल केस से जुड़ी बातें ही कहीं हैं. आसान शब्दों में कहें, तो गिरफ्तारी से राहत देने के साथ ही मौखिक टिप्पणियों के मामले में भी नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) को राहत दी है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
'खादिमों' की हरकत ने अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर श्रद्धालुओं का नजरिया बदल दिया!
रसूल कंट्रोवर्सी के बाद आखिर कैसे अजमेर दरगाह के खादिमों की मूर्खता का खामियाजा एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के कारण अजमेर को भुगतना पड़ रहा है. कह सकते हैं कि ऐसा ही कुछ होगा इसका अंदाजा विवाद के फ़ौरन बाद ही लग गया था.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
अजमेर शरीफ दरगाह के ये खादिम तो कम से कम 'शरीफ' नही हैं!
पैगंबर टिप्पणी विवाद (Prophet Remark Row) और उदयपुर हत्याकांड (Udaipur Murder Case) के बाद अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif Dargah) के इन खादिमों का जो रूप सामने आया है. उसे देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा. हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की बात करने वाले इन खादिमों के जहरीले और नफरती बोल सुन कहा जा सकता है कि कम से कम ये खादिम तो शरीफ नही हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
जुबैर जैसे केस में अरुण यादव पर नुपुर जैसा एक्शन बीजेपी के लिए नयी फजीहत है
अरुण यादव (Arun Yadav) भी अपने एक पुराने ट्वीट को लेकर निशाने पर वैसे ही आये हैं जैसे मोहम्मद जुबैर (Mohammed Zubair) को गिरफ्तार किया जा चुका है - और नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के बाद यादव ऐसे तीसरे व्यक्ति हैं जिनके खिलाफ बीजेपी ने फौरी एक्शन लिया है.